मेरे मित्र

मैं याद करूँ तो पहले मित्रों की छाया जो याद आती है वो उनकी है जिनके साथ हम बड़े हो रहे थे। किसी के साथ  बैग मे किताबें भरे साइकिल से स्कूल जाया करते थे।  तो कई के साथ स्कूल मे क्लास

जय श्री राम

Jai Shree Ram

अयोध्या जिसका ज़िक्र वाल्मीकि अपने रामायण में करते हैं, जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्मभूमि है। उसी अयोध्या में जहाँ के राजा रहे श्री राम ने कभी अश्वमेध यज्ञ किया था। उस देश में जहाँ सिया राम के वनवास से लौटने

तैयार हैं प्रतिकार को

व्यग्र नहीं व्यथित नहीं !संयम है संयमित हम !!यह आक्रोश है द्वेष नहीं।वेदना है यह व्याकुलता नहीं !! मानवता की मशाल को !जलाये रखना चाहते हैं !!खुद को मिटा दिए हम !जलाएं ज्योति देश की !! अब नहीं और नहीं !सहना है