तैयार हैं प्रतिकार को
व्यग्र नहीं व्यथित नहीं !संयम है संयमित हम !!यह आक्रोश है द्वेष नहीं।वेदना है यह व्याकुलता नहीं !! मानवता की मशाल को !जलाये रखना चाहते हैं !!खुद को मिटा दिए हम !जलाएं ज्योति देश की !! अब नहीं और नहीं !सहना है
व्यग्र नहीं व्यथित नहीं !संयम है संयमित हम !!यह आक्रोश है द्वेष नहीं।वेदना है यह व्याकुलता नहीं !! मानवता की मशाल को !जलाये रखना चाहते हैं !!खुद को मिटा दिए हम !जलाएं ज्योति देश की !! अब नहीं और नहीं !सहना है